बिहार में कृषि आधारित उद्योग से मिटेगा बेरोजगारी : मंत्री
ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जो किसान के परंपरागत किसानी को चुनौती दे : सुधाकर
दरभंगा। कृषि विभाग उद्यान निदेशालय, बिहार सरकार के तत्वाधान में बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत “मिथिला मखाना” अनुसंधान प्रसंस्करण हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सदर प्रखंड के दलान रिसोर्ट में किया गया। दो सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि बिहार सरकार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने करने पश्चात कहा कि मखाना की खेती और उद्योग में वैल्यू एडिशन और सप्लाई चेन का काफी महत्व है। जीआई टैग मिलने के बाद मखाना व्यवसाय और किसान को इसका लाभ अब विश्व के बाजार में अधिक से अधिक मिले। इसके लिए दरभंगा एयरपोर्ट पर जल्द ही कस्टम क्रियरेन्स की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने किसान और उद्यमियो को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुनियां में कृषि को लेकर कई प्रयोग हुए, उसके कई परिणाम भी सामने आए, लेकिन बिहार में अन्य कोई मॉडल लागू नहीं हो सकता। यहां कृषि को लेकर अपना एक अलग मॉडल डेवलप करना होगा। उन्होंने परंपरागत खेती पर बल देते हुए उसे आधुनिक बनाने की बात कही। जिसमें किसानों के सुझाव महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने कहा हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जो किसान के परंपरागत किसानी को चुनौती देता हो। उन्होंने बिहार की खेती को भौगोलिक दृष्टि से चार क्लाइमेट जोन में बांटने पर बल देते हुए कहा कि गंडक, कोशी, सोन और भागलपुर क्षेत्र के लिए अलग-अलग पॉलिसी बनाने की आवश्यकता है, जिससे किसान समृद्ध हो सके। उन्होंने बिहार में रोजगार और उद्योग के लिए कृषि आधारित उद्योग को सफल बताते हुए इसे अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा किसके इतर कोई भी उद्योग बिहार में सफल नहीं है।
उन्होंने एनडीए सरकार का नाम लिए बिना कहा की एथेनॉल उद्योग नीति बनाना चिंतनीय है। यह किसानों के खून चूसने के बराबर है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय मे पंजाब, हरियाणा से बेहतर कृषि अर्थ व्यवस्था बिहार की होगी। इस मौके पर बतौर अतिथि उप-विकास आयुक्त अमृता बैंस, बिहार के उद्यान सह मिशन निदेशक नन्द किशोर, संयुक्त निदेशक उद्यान राधा रमण, बामेती निदेशक अभांशु जैन, एपीडा सहायक प्रबंधक आनंद प्रकाश, मखाना अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. इंदु शेखर सिंह आदि ने विचार रखे। वहीं दूसरे सत्र में विशेषज्ञों के रूप में डॉ. इंदु शेखर, पूजा शर्मा दीक्षा आदि ने दरभंगा, मधुबनी, पूर्णियां, कटिहार, सुपौल, सहरसा मधेपुरा, अररिया से आए किसानों और उद्यमियों को पॉवर प्वाइंट के माध्यम से मखाना के खेती और उद्योग और इसके लाभ को बारीकी से समझाया। कार्यक्रम का संचालक माला झा ने किया।